. ऑफिस
स्थानांतरण के बाद अभी नई शाखा में कुछ दिन ही हुये थे, बैंक में लंबी लाइन लगी हुई थी। ऋण काउंटर पर जो कर्मचारी बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ एवं कर्तव्यपरायण था किंतु कार्य की अधिकता और प्रदत्त कार्य को समयांतर्गत पूर्ण करने के उद्देश्य से सभी ग्राहकों से तेज स्वर में बात कर रहा था।
उस समय भी एक महिला को डांटते हुए वह कह रहा था, "आपको ज़रा भी पता नहीं चलता, यह फॉर्म भर कर लायीं हैं, कुछ भी सही नहीं है। बैंक ने फॉर्म फ्री कर रखा है तो कुछ भी भर दो, जेब का पैसा लगता तो दस लोगों से पूछ कर भरतीं आप।"
एक व्यक्ति पंक्ति में पीछे खड़ा काफी देर से यह देख रहा था, वह पंक्ति से बाहर निकल कर, पीछे के रास्ते से उस कर्मचारी के पास जाकर खड़ा हो गया और वहीं रखी पानी की बोतल उस कर्मचारी की तरफ बढ़ा दी।
लगन लगा कर काम कर रहे कर्मचारी ने उस व्यक्ति की तरफ आँखें तरेर कर देखा और गर्दन उचका कर तेज स्वर में जोर से चिल्लाया!
'क्या है????'
उस व्यक्ति ने धीमी आवाज में कहा...
"सर, काफी देर से आप बोल रहे हैं, गला सूख गया होगा, पानी पी लीजिये।"
कर्मचारी ने पानी की बोतल हाथ में ली और उसकी तरफ ऐसे देखा जैसे किसी दूसरे ग्रह के प्राणी को देख लिया हो! और कहा, "जानते हो, मैं कड़वा सच बोलता हूँ, इसलिए सब नाराज़ रहते हैं, यहाँ शाखा में कार्यरत सहयोगी मुझे पानी तक नहीं पिलाता!"
वह व्यक्ति मुस्कुरा दिया और फिर अपने स्थान पर जाकर खड़ा हो गया।
अब उस कर्मचारी का स्वभाव बदल चुका था, काफी शांत मन से उसने सभी से बात की और सबको अच्छे से सेवाएं देनी शुरू की।
शाम को उस व्यक्ति के पास एक फ़ोन आया, दूसरी तरफ वही कर्मचारी था, उसने कहा, "भाई साहब, आपका नंबर आपके फॉर्म से लिया था, धन्यवाद देने के लिये फ़ोन किया है। मेरी माँ और पत्नी में बिल्कुल नहीं बनती, आज भी जब मैं घर पहुंचा तो दोनों बहस कर रहीं थी, लेकिन आपका गुरुमंत्र काम आ गया।"
वह व्यक्ति चौंका, और कहा, "जी? गुरुमंत्र?"
"जी हाँ, मैंने एक गिलास पानी अपनी माँ को दिया और दूसरा अपनी पत्नी को और यह कहा कि गला सूख रहा होगा पानी पी लो। बस तब से हम तीनों हँसते-खेलते बातें कर रहे हैं।
अब भाई साहब, आप एक दिन हमारे घर पर खाने पर आइये।
जी! लेकिन, खाने पर क्यों?"
कर्मचारी ने शांत स्वर में उत्तर दिया, "गुरू माना है तो इतनी दक्षिणा तो बनेगी ना आपकी और ये भी जानना चाहता हूँ, एक गिलास पानी में इतना जादू है तो खाने में कितना होगा?"
किस्सा तीन वर्ष पूर्व का है जिसे मैंने अपनी कुर्सी पर बैठकर देखा था।
वर्तमान में दोनों किरदारों से भली भाँति परिचित हूँ। दोनों ही अपने-अपने कार्यलय में अपनी कार्य कुशलता के लिये प्रसिद्ध हैं।
संभव है कि देर सांय तक इनमें से किसी एक या दोनों का कॉल आ जाये।
#sundaY
#Wrtting
जल, जीवन और जीवन पद्धति दोनों है।
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DeleteVery nice....
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DeleteNice story💯
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